भागलपुर में देर रात भीषण धमाका, 1 मासूम समेत 6 लोगों की मौत, कई मकान जमींदोज
भागलपुर में देर रात भीषण धमाका, 1 मासूम समेत 6 लोगों की मौत, कई मकान जमींदोज
भागलपुर । बिहार के भागलपुर जिले में तीन मार्च 2022 (गुरुवार) की देर रात भयंकर विस्फोट हुआ। जोरदार धमका होने के कारण पूरे शहर में उसकी गूंज सुनाई दी। घटना में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार दर्जन भर लोग जख्मी हैं। साथ ही 10 लोगों के मारे जाने की भी की भी सूचना है। जिस इलाके में यह हासदा हुआ, वहां की बिजली काट दी गई है।
जानकारी के अनुसार, तातारपुर थानाक्षेत्र के काजवलीचक स्थित नवीन आतिशबाज के घर गुरुवार की रात 11.30 बजे हुए भीषण धमाके में दो मंजिले मकान के परखचे उड़ गए। पूरा मकान जमींदोज हो गया। धमाके में 5 लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि 12 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।
मकान के मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की बात कही जा रही है। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि दो मंजिले मकान के अलावा धमाके की सीधी जद में तीन और मकान आ गए।
विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि घटनास्थल से चार किलोमीटर की परिधि में आने वाले मकान में मौजूद लोगों ने तेज झटके वाले भूकंप के झटके महसूस किए। घरों में कंपन महसूस करते ही लोग-बाग घरों से बाहर निकल भूकंप के बारे में जानकारी लेने लगे।
कुछ लोगों ने धमाके की आवाज को लेकर सिलिंडर विस्फोट की भी बात पड़ोसियों से की लेकिन चंद मिनटों में ही स्थिति साफ हो गई। पुलिस, फायर ब्रिगेड आदि की सायरन बजाती गाड़ियों ने स्थिति साफ कर दी। इस बीच भारी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा होने लगे। जिन्हें नियंत्रित करने के लिए एसएसपी को स्वयं कमान संभालनी पड़ी।
घटना की जानकारी पर डीआइजी सुजीत कुमार, डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी बाबू राम भारी पुलिस बलों के साथ मौके पर पहुंच हालात का जायजा लिया। घटनास्थल को पुलिस बलों की धेराबंदी कराते हुए दो जेसीबी लगाकर मलबा साफ कराने और उसमें दबे लोगों को निकालने का काम तेजी से शुरू कराया।
डीआइजी ने घटना की जांच के लिए एफएसएल की टीम को भी लगाया ताकि विस्फोटक के प्रकार का पता लगाया जा सके। इस बीच बचाव कार्य में स्थानीय लोगों, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, लोजपा नेता मृणाल शेखर, चांद झुनझुनवाला आदि ने भी घायलों को निकालने में पुलिस बलों की मदद कर उन्हें एंबुलेंस से जवाहर लाल नेहरू अस्पताल भेजा।
मरने वालों में 60 वर्षीय गणेश मंडल उर्फ गणेश सिंह की पहचान हो सकी है। एक महिला समेत दो बच्चों की पहचान का प्रयास पुलिस टीम कर रही है। घायलों की संख्या आठ पहुंच चुकी है। अभी मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है। मरने वाले और घायलों की संख्या के बढ़ सकती है।
डीएम के निर्देश पर जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में भर्ती घायलों के लिए डाक्टरों की टीम को लगाया गया है। एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। घटनास्थल पर पांच एंबुलेंस लगाया गया है। मलबे और उसके इर्दगिर्द विस्फोटकों की बरामदगी के लिए डाग स्क्वाड को लगाया गया है।
पुलिस टीम पटाखा तैयार करने वाले दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे तातारपुर थाने में पूछताछ की जा रही है। धमाका रात को निचले तल पर बम बनाते हुआ बताया जा रहा है। निचले तल पर ही शक्तिशाली विस्फोटक एक प्लास्टिक बाक्स में रखे होने की बात कही जा रही है जिसपर दबाव पड़ने के बाद धमाका हुआ है। पुलिस टीम और एफएसएल की टीम जांच के क्रम में सही तस्वीर जल्द देने की बात कही है
धमाका इतना जोरदार था कि शहर के अधिकांश भागों में धमाके की आवाज सुनाई दी। उर्दू बाजार, रामसर, विक्रमशिला कालोनी, रिकाबगंज, जब्बारचक, इशाकचक, लालूचक, तातारपुर, परबत्ती, खलीफाबाग चौक, कोतवाली, सराय, रामसर, नयाबाजार, मुंदीचक, आदमपुर आदि इलाके में रहने वालों को घरों में कंपन महसूस हुई। उन्हें भूकंप का अंदेशा हुआ। लोग घरों से बाहर निकल आए। तातारपुर पुलिस मौके पर पहुंच स्थिति की भयावहता का अंदाज लगा, तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
बताया जाता है कि यहां बारूद का में कारोबार होता था। बम भी बनाया जाता था। आतिशबाजी के आड़ में यह कारोबार किया जा रहा था। इसकी जांच की जा रही है। खोजी कुत्ता भी लाया गया है। हालांकि अबतक फोरेंसिक टीम नहीं आई है। जिस जगह यह हादसा हुआ वहां काफी देर तक धुआं का गुब्बारा आसमान में दिखा। आसपास के कई घरों के खिड़कियों के शीशे टूटकर सड़को पर बिखरे पड़े हैं।
घायलों की सूची
रिंकू कुमार साह : 30 वर्ष, आयशा मंसूर : 25 वर्ष, सोनी कुमारी : 30 वर्ष, नवीन कुमार : 32 वर्ष, राहुल कुमार : 12 वर्ष, वैष्णवी कुमारी : 03 वर्ष, गणेश प्रसाद सिंह : 60 वर्ष, जया : 35 वर्ष, श्रवण कुमार : 27 वर्ष।
गणेश सिंह, उर्मिला देवी, राजकुमार साह व पिंकी की बच्ची सहित पांच लोगों की मौत हुई है। अभी भी मलबा हटाने का काम जारी है। मलबा पूरी तरह हटाने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगा। मरने वालों की संख्या का सही आंकड़े सामने आएगा।